उत्तराखंड के क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर है। 19 साल से बीसीसीआई की मान्यता के लिए संघर्ष कर रहे उत्तराखंड का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। बीसीसीआई की सीओए (क्रिकेट प्रशासक समिति) ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को प्रदेश में क्रिकेट संचालन के लिए पूर्ण मान्यता दे दी है। अब सितंबर माह से शुरू हो रहे घरेलू टूर्नामेंट में सीएयू ही क्रिकेट संचालन का जिम्मेदारी संभालेगी।

दिल्ली में मंगलवार को उत्तराखंड की मान्यता मसले पर हुई सीओए की निर्णायक बैठक में अध्यक्ष विनोद राय की मौजूदगी में सीएयू की मान्यता पर मुहर लगाई गई। विनोद राय की ओर से मंगलवार शाम को सीएयू को ई-मेल के माध्यम से मान्यता मिलने की जानकारी दी गई। इसमें बताया कि स्थानीय क्रिकेट में योगदान व ग्राउंड समेत अन्य सुविधाओं संबंधी दस्तावेजों के आधार पर सीएयू के दावे को मजबूत माना है।

19 वर्षों से राज्य की चार क्रिकेट एसोसिएशन के बीच आपसी विवाद के चलते मान्यता पर फैसला नहीं हो पा रहा था। राज्य के कई प्रतिभावान खिलाड़ियों को इसका नुकसान झेलना पड़ा। वहीं, कई प्रतिभावान खिलाड़ियों ने पलायन कर दूसरे राज्यों का रूख कर लिया। अब राज्य को पूर्ण मान्यता मिलने के बाद प्रदेश की प्रतिभाओं को बीसीसीआई की प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड के नाम से खेलने का मौका मिलेगा।

अब मान्यता मिलने से राज्य के खिलाड़ियों के पलायन पर पूर्ण विराम लगेगा। क्योंकि पिछले 19 सालों में उत्तराखंड ने महेंद्र सिंह धोनी, मनीष पांडे, ऋषभ पंत, उनमुक्त चंद समेत अन्य उदीयमान प्रतिभाएं मान्यता न होने के चलते खोई हैं।

उत्तराखंड क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक दिन है। पिछले दो साल से राज्य सरकार भी इस मामले में समाधान के प्रयास कर रही थी।पूर्ण मान्यता मिलने से राज्य में अब क्रिकेट गतिविधि के संचालन में तेजी आएगी।

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