पर्थ
ऐडिलेड टेस्ट में भारत की 31 रनों की जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया में कई तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कई स्थानीय फैंस कह रहे हैं कि ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले टेस्ट में बहुत अच्छा नहीं खेली और अब उसके पास विराट कोहली की टीम को ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतने से रोका नहीं जा सकता।
पूर्व खिलाड़ी अपनी टीम और मौजूदा खिलाड़ियों से ज्यादा नाराज नहीं हैं लेकिन उनकी बातों में भी कुछ निराशा नजर आ रही है। उनकी टिप्पणियों से लग रहा है कि इस बार ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास कोई संभावना नहीं है। ऑस्ट्रेलिया में लगभग सभी लोग यही सोच रहे हैं कि सीरीज का भविष्य तेज, उछालभरी और अभी तक टेस्ट मैच के लिए जांची नहीं गई ऑप्टस स्टेडियम में होगा। पर्थ में बने इस नए स्टेडियम में अभी तक सिर्फ दो एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले गए हैं जबकि शुक्रवार से शुरू होने वाला मैच इस मैदान पर पहला टेस्ट होगा।
मैच से पहले बातचीत हो रही है कि भारत के बैटिंग लाइनअप पर चार तेज गेंदबाजों से दबाव बनाया जाए। यह आइडिया सुनने में अच्छा लगता है, आखिर ऑस्ट्रेलिया के पास क्वॉलिटी तेज गेंदबाज हैं लेकिन यहीं से दूसरा सवाल खड़ा हो जाता है। क्या, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम अपने गेंदबाजों को समर्थन दे सकता है?
अगर आप ऐडिलेड की नजर से देखें तो इस सवाल का जवाब न में ही मिलेगा। पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारत को 250 रनों पर समेट दिया लेकिन उसके बल्लेबाज सिर्फ 235 रन ही बना पाए और बढ़त बनाने का अवसर खो दिया। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन भारतीय गेंदबाजों द्वारा लगातार शॉट बॉल फेंकने पर वे स्वयं पर नियंत्रण नहीं कर रख पाए।
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बेशक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की लेकिन 20 में से 14 विकेट पेसर्स की झोली में गए। इशांत शर्मा ने 3, जसप्रीत बुमराह ने 6 और मोहम्मद शमी ने 5 विकेट लिए। इन गेंदबाजों ने मैच में कुल 123.4 ओवर गेंदबाजी की। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद अपने पेसर्स की तारीफ की भी की।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को एक और ऐसा काम किया जो पेसर्स के लिए उनकी भावनाओं को दिखाता है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन के मुताबिक कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा, जिन्होंने मंगलवार को अपनी शादी की पहली सालगिरह मनाई, ने ऐडिलेड-पर्थ फ्लाइट में अपनी बिजनस क्लास सीट अपने तेज गेंदबाजों को दे दी ताकि वे आराम से सफर कर सकें।