देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की कई आशंका को देखते हुए उत्तराखंड पशुपालन विभाग ने राज्य के समस्त पशुचिकित्सा अधिकारियों को राज्य में बर्ड फ्लू के नियंत्रण एवं रोकथाम के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए। राज्य में बर्ड फ्लू के प्रसार को नियंत्रित करने हेतु प्रभावी सर्विलांस करते हुए इबेनेजर रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि-

अपने क्षेत्र अंतर्गत समस्त कुक्कुट फार्म का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। हाट, मेलों/मुर्गी बाजार/ बतख बाहुल्य क्षेत्र/जल निकायों में उपलब्ध पक्षियों का निरीक्षण करते हुए कुक्कुट पक्षियों का सीरो सर्विलांस कराने के लिए जनपद में प्रयोगशालाओं को सहयोग करना सुनिश्चित करें।

वन विभाग के सहयोग से प्रवासी पक्षियों तथा जलाशयों का निरीक्षण करवाना सुनिश्चित करें तथा जनपद में स्थित विभिन्न कुक्कुट फार्म एवं जलाशयों की सूची उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें पक्षियों में किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित मृत्यु का संज्ञान लेते हुए जांच हेतु मृत पक्षी को तत्काल उसी दिन HSADL भोपाल भेजना सुनिश्चित करें।

सूचना तंत्र को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से जनपद स्तर पर प्रशिक्षित किए गए ग्राम प्रतिनिधि के साथ संपर्क में रहें बर्ड फ्लू के सिरम सैंपल हेतु रोग निदान प्रयोगशालाओं को अपेक्षित सहयोग प्रदान करें प्रतिदिन प्रातः 10:00 बजे तक बर्ड फ्लू की स्थिति की सूचना निदेशालय को उपलब्ध करानी होगी।

पशुपालन विभाग ने बर्ड फ्लू की रोकथाम हेतु निदेशालय स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाया है, और टोल फ्री नंबर 18001208862 भी जारी किया गया है। प्रदेश में किसी भी क्षेत्र में पक्षियों और मुर्गियों की मौत पर तत्काल टोल फ्री नंबर पर सूचना देने की अपील की गई है।

वहीं पशुपालन विभाग ने बर्ड फ्लू संक्रमित राज्यों से प्रदेश में मुर्गियों, चूजों व अंडों के आयात पर रोक लगा दी है। जिससे प्रदेश में बर्ड फ्लू न फैल सके। इसके साथ ही पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू के लक्षण मिलने पर अंडों व मुर्गियों का क्रय-विक्रय बंद रहेगा।

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