write2nirbhay एक मुहिम ही नहीं है , write2nirbhay एक आइडिया है, एक विचारधारा है, एक आंदोलन है । मैं नहीं चाहता हूँ की कोई हमें संस्था बोले । कोरोना के टाइम में आप यह समझ ले write2nirbhay एक वाइरस की तरह है जिसका कोई दायरा नहीं है। फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है की हम positive virus है । हमारे लिए धर्म का जाति का अन्य दायेरो का कोई मतलब नहीं है। हम कोई चैरिटी नहीं करना चाहते है । हम, एक समान विचारधारा के युवाओं जो कि अपने भविष्य, अपने समाज और अपने देश को एक प्रगतिशील राह पे ले चलना चाहते है, उनको साथ लाने की कोशिश कर रहे है । और हम उम्मीद कर रहे है की हमारा ये वाइरस कोरोना से भी ज़्यादा वृद्धि करे ।

मैं अपनी शिक्षा लेने जब दिल्ली यूनिवर्सिटी गया तो वहाँ मैंने देखा की अनेक निर्दलीय युवा संगठन है जो की युवाओं की आवाज़ को उठाते है । जो कि यहाँ स्थानीय तौर पे अनुपस्थित थी या अगर थी भी तो वे एक गैर सरकारी संगठन के तरह काम कर रही थी जिसमें सिर्फ़ उनके पद धारकों के मुताबिक़ काम हो रहा था।
जब मैं अपनी शिक्षा पूरी करने बाद सक्रिय तौर पे अपने कॉलेज के प्रबंधन से जुड़ा तो प्रतिदिन मुझे यहाँ के युवाओं से बातचीत करने का, उनकी सोच, उनके जज़्बातों, उनकी समस्याएँ से रूबरू होने का उन्हें व्यक्तिगत रूप से समझने का अवसर प्राप्त हुया । तब मुझे अहसास हुया कि स्थानीय युवाओं में जोश और जुनून के साथ साथ एक बहुत नेक और प्रगतिशील सोच भी है जिसकी कोई संगठित आवाज़ है । उनकी अकेली आवाज़ को साथ लाने के लिए write2nirbhay का जन्म हुया ।

आप को ये जनता का फ़ायदा लग सकता है परंतु मेरे लिए ये आत्मसंतुष्टि है।
हमें हमारी अपेक्षा से ज़्यादा प्रतिक्रियाएँ मिली ।इतने ज़्यादा लोगों की अपील और सुझाव मिलने से प्रथमतः हम उमंगीत हुए परंतु जल्दी ही हमें ये एहसास हो गया की आगे हमारा सफ़र आसान नहीं होगा । सिर्फ़ तीन दिनों में 200 से भी अधिक समस्याएँ और सुझाव मिले । लेकिन वो कहते है न कि जब किसी नेक विचार से आप किसी काम को करो तो ऊपर वाला खुद रास्ता बना देता है ।

अभी तक हमने front line workers से लेकर दूरस्थ जंगलो में रह रहे लोगों तक भोजन की व्यवस्था की है । जो स्थानीय लोग बाहर के स्थानों में फँसे हुए थे उन्हें घर वापस लाने की व्यवस्था की । जिन लोगों को नौकरियोंसे निकाल दिया गया उनको एक साथ लाकर उनकी आवाज़ को सरकार तक पहुँचाने की कोशिश की गयी । प्रत्येक दिन जब मैं सुबह उठता हूँ तो email देखता हूँ कि आज क्या करने की आवश्यकता है । लोगों के message ही मेरे दिन का प्रोत्साहन होता है ।

विस्तार रूप से देखे तो कोरोना काल में कोरोना से प्रभावित समस्याओं पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया है ।
हल्द्वानी, सितारगंज, बाजपुर,रुद्रपुर (उत्तराखण्ड)
पुलिस प्रशासन के करीब 300 कर्मियों को पूरे 1 महीने भोजन का व्यवस्था किया गया । इस विपदा के समय उनकी मेहनत और लगन का सदा आभारी रहूँगा।

सुशीला तिवारी अस्पताल में कोरोना से संक्रमित लोगो को स्वस्थ खाना और उनके घर परिवार की देख भाल की भी जिम्मेदारी निभाई।

दूरस्थ जंगलों में कई ऐसे परिवार रहते हैं जिनको अपने ज़रूरतमन्द सामग्री के लिए आज भी कई किलोमीटर सफर करना पड़ता है।मैं और मेरी टीम के दृढनिश्चय और जुनून से हमने ऐसे कई परिवारों को भिन्न प्रकार की सामग्री प्राप्त कराया ।

Write2Nirbhay के तहत सिडकुल में 25 से अधिक बेरोज़गार युवाओं की नौकरी का बंदोबस्त किया गया ।200 से अधिक युवाओं का नौकरी के लिए इंटरव्यू करवाया गया है । छोटे-बड़े सारे प्रयास किए जा रहे हैं ताकि लोगों को अपने घर को चलाने के लिए कुछ तो आय हो ।

लगभग 70 उत्तराखण्ड वासियों को अलग अलग शहरों से घर वापसी लाना का प्रबन्ध किया गया।

लोगो कें घर परिवार की भी समस्याएं सामने आई, जो काफी व्यक्तिगत है। उनके समाधान का भी प्रयास किया जा रहा है।

मैं हल्द्वानी में एक हाइअर एजुकेशन संस्थान चलाता हूँ जिसमें कुल 500 छात्र पढ़ते हैं और 100 से अधिक स्टाफ काम करते है।
आपको पूरी अनुमति है उनसे जानकारी लेने की की अगर 500 परिवारों में किसी को भी फी से सम्बन्धित कोई परेशानी महसूस हुयी हो और आज भी 100 से अधिक स्टाफ़ है इस अप्रत्याशित समय में भी किसी स्टाफ को नहीं निकला गया है ।

कम्पनियों के नौकरी देने के रुझान में आये बदलाव से कई हजारों लोगों को फ़र्क़ पड़ा है। युवाओं को इसकी कम से कम क्षति हो इसके लिए 3 महीने का स्किल डेवलपमेंट कोर्स का निर्माण किया गया है।इसके अंतर्गत 100 बच्चों को मुफ्त कि प़ढ़ाई का मौका दिया जाएगा।

Write2nirbhay की शुरुआत करते समय मुझे इस बात का कोई idea नहीं था कि लोग इसे कितना समर्थन करेंगे ।अन्य अन्य वर्ग से आकार विभिन्न प्रकार के लोग हम से जुड़े है सिर्फ़ एक मक़सद से की अपने समाज में हम कुछ बदलाव ला सके । एक प्रोत्साहन देने वाली शुरुआत हमें मिली है अब बस पूरी लगन के साथ आगे बढ़ना है । ज़्यादा से ज़्यादा ज़रूरतमंदो की मदद करनी है , ज़्यादा से ज़्यादा समस्याओं का समाधान ढूँढने के प्रति काम करना है । write2nirbhay को मैं किसी संख्याओं के बंधन में नहीं बांधना चाहता हूँ । जैसे मैंने आपको पहले भी बताया कि हम एक पॉज़िटिव virus की तरह है जो जितना वृद्धि करेगा उतना ही ज़्यादा लोगों तक हमारे विचार और हमारे समाधान पहुँच पाएगा ।
हम चाहते है की अधिक से अधिक युवा हम se जुड़े चाहे वो कॉल से हो या ईमेल से या हमारे मुहिम का सक्रिय हिस्सा बने और एक अच्छे बदलाव लाने की शपथ ले ।

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