देहरादून

उत्तराखंड कांग्रेस का इतिहास कार्यकारिणी के लिहाज से हमेशा एक सा रहा है पार्टी के अंदर गुटबाजी के चलते कार्यकरिणी जम्बो यानी बेहद ज्यादा बड़ी रही है और इस बार भी प्रीतम सिंह की मजबूरी जम्बो कार्यकरिणी बनाने की होगी कांग्रेस कार्यकरिणी पर THE INDIA NOW की SPECIAL रिपोर्ट..

उत्तराखंड कांग्रेस में नेताओं के बीच मतभेद का सीधा असर पार्टी कार्यकरिणी पर भी दिखाई देता है.कांग्रेस का राज्य में इतिहास बताता है कि प्रदेश अध्यक्ष किसी भी गुट का हो लेकिन कार्यकरिणी जम्बो ही बनाई जाती है.इस लिहाज से फिर एक बार प्रीतम सिंह की नई कार्यकरिणी के भी बड़ा होने की उम्मीद है.हालांकि पूर्व के प्रदेश अध्यक्ष सीमित संख्या की कार्यकारिणी बनाये जाने का दावा करते रहे हैं.

राज्य में कांग्रेस कई खेमों में बंटी है.इसी गुटबाजी का नतीजा है कि ढाई साल में अबतक प्रीतम सिंह कार्यकरिणी का गठन नही कर सके…अब जानिए …राज्य में कांग्रेस कार्यकरिणी का इतिहास कैसे जम्बो कार्यकरिणी बनाये जाने की ओर इशारा कर रहा है.

राज्य स्थापना के बाद 03 दिसम्बर 2000 में हरीश रावत को बतौर प्रदेश अध्यक्ष पार्टी की कमान सौंपी गई .जिसमें हाईकमान ने करीब 100 पदाधिकारियों की सूची को मंजूरी दी.लेकिन इसके बाद हरीश रावत ने प्रदेश में जिला स्तर पर कई नेताओं को संगठन में पदाधिकारी बनाया.. इस तरह प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की संख्या करीब 250 हो गयी.

हरीश रावत का कार्यकाल 7 साल रहा.जिसके बाद 2007 में यशपाल आर्य को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.यशपाल आर्य किस बेबी हाईकमान ने करीब 100 पदाधिकारियों की सूची को ही मंजूरी दी.लेकिन यशपाल आर्य ने अपने स्तर पर नेताओं को पदाधिकारी बनाकर इस संख्या को दोगुने से ज्यादा कर दिया, यानी कार्यकारिणी करीब 225 से अधिक हो गयी.

यशपाल आर्य को भी 2007 से 2014 तक प्रदेश अध्यक्ष बने रहने का मौका मिला. इसके बाद मई 2014 को किशोर उपाध्याय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर संगठन के मुखिया बन गए.. इस दौरान हाईकमान ने 112 पदाधिकारियों की सूची को मंजूरी दी.लेकिन किशोर उपाध्याय ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए करीब 350 नेताओं को संगठन में जिम्मेदारी देकर जंबो कार्यकारिणी बना डाली.हालांकि किशोर उपाध्याय को कार्यकाल पूरा करने से पहले ही 2017 में कुर्सी से हटा दिया गया..

अप्रैल 2017 में मौजूदा अध्यक्ष प्रीतम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई.और तब से अब तक प्रीतम सिंह किशोर उपाध्याय के समय की जम्बो कार्यकारिणी से ही काम ले रहे थे

प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अब कार्यकारिणी को भंग कर दिया है.यानी अब नई कार्यकारिणी के लिए पार्टी में कसरत तेज कर दी गई है लेकिन पार्टी के अंदर गुटबाजी और सभी गुटों को खुश करने की रणनीति के कारण यह तय है कि प्रीतम सिंह की कार्यकारिणी भी बड़ी ही होगी.उधर कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि कार्यकरिणी में अनुभवी और युवाओं के साथ सक्रिय लोगों को जगह दी जाएगी।  वही कांग्रेस नेता जोत सिंह बिष्ट कहते हैं कि पार्टी में सभी नेताओं और गुटों को संतुष्ट करना बेहद जरूरी है और उसी आधार पर कार्यकारिणी में नेताओं को जगह दी जानी चाहिए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here