उत्तराखंड के गढ़वाल-कुमाऊं मंडलों को राज्य के भीतर ही आपस में जोड़ने वाली कंडी रोड का कार्बेट टाइगर रिजर्व से होकर गुजरने वाला कोटद्वार से रामनगर का हिस्सा अब कार्बेट से लगी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सीमा से होकर गुजरेगा। राज्य के वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत के अनुसार दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात के दौरान उन्होंने इस संबंध में किए गए होमवर्क का ब्योरा रखा। केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में आने वाली दिक्कतों को दूर कराने को पहल करने की बात कही। डॉ.रावत ने बताया कि इस महत्वपूर्ण सड़क को लेकर जल्द ही केंद्र की मध्यस्थता में उप्र व उत्तराखंड की उच्च स्तरीय बैठक पर भी विचार हो रहा है।
राज्य सरकार ने कंडी रोड के कोटद्वार- रामनगर हिस्से के निर्माण के मद्देनजर कुछ समय पूर्व सर्वे कराया। यह सर्वे वित्तीय दृष्टिकोण से बहुत भारी पड़ सकता है। इस सड़क के निर्माण में करीब छह हजार करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। साथ ही इसमें कोटद्वार से रामनगर की दूरी भी करीब 20 किमी ही कम हो रही है। इसे फिजिबिल न मानते हुए अब इस सड़क का निर्माण कार्बेट टाइगर रिजर्व से लगी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा से होकर ले जाने पर गहनता से मंथन हो रहा है।
इस बीच वन मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से शिष्टाचार मुलाकात के दौरान यह मसला प्रमुखता से रखा। डॉ. रावत ने अवगत कराया कि सरकार ने इस सड़क को लेकर होमवर्क किया है। अब यह उप्र से होकर ले जानी पड़ेगी। इसमें उत्तराखंड के कार्बेट और उप्र के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे क्षेत्र में करीब 10 किमी एलिवेटेड रोड बनानी होगी। इसके लिए केंद्र की मध्यस्थता में दोनों राज्यों की उच्च स्तरीय बैठक कराकर समाधान निकाला जा सकता है।