• Indo-china सीमा विवाद के बीच मजदूरों की भारी कमी आई तो रातोंरात झारखंड से लगभग 230 मजदूर उत्तराखंड लाए गए। ट्रेन से रुड़की पहुंचने के बाद इन मजूदरों को सात दिन क्वारंटीन रखा गया। जिसके बाद इन मजदूरों को मंगलवार को रोडवेज की 11 बसों के जरिये चीन सीमा से सटे चमोली जिले के जोशीमठ और माणा तक पहुंचा दिया गया।

Covid-19 जैसे महामारी में लॉकडाउन की वजह से प्रदेशभर से मजदूर अपने घरों को पलायन कर गए थे। चीन सीमा पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) की ओर से सड़क व अन्य निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ा तो बीआरओ ने भी निर्माण कार्यों में तेजी लाने की योजना बनाई।

निर्माण कार्यों में सबसे बड़ी दिक्कत मजदूरों की सामने आई। इस दिक्कत को दूर करने के लिए बीआरओ ने झारखंड से मजदूर बुलाए। कोरोना के डर में जी रहे मजदूरों के भीतर देशभक्ति का जज्बा जगाया गया। उन्हें चीन सीमा और उससे जुड़े निर्माण कार्यों की महत्ता समझाई गई तो सभी मजदूर तुरंत तैयार हो गए।

बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) एक सप्ताह पूर्व ट्रेन से इन 230 मजदूरों को रुड़की लाया। रुड़की से सभी मजदूरों को देहरादून के लालतप्पड़ में लाकर सात दिन के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन कर दिया गया। इसके बाद बीआरओ ने इन मजूदरों को सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचाने के लिए परिवहन निगम से बसों की मांग की। इस पर निगम ने 11 बसें उपलब्ध कराईं। मंगलवार को सभी मजदूर सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचा दिए गए।

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