उत्तराखंड की राजनीति में वन विभाग के प्रमुख का एक पत्र इनदिनों छाया हुआ है। मामला हरेला पर्व के दौरान आरएसएस को भी इसमें हिस्सा देने से जुड़ा है। जिसको लेकर पीसीसीएफ जयराज के पत्र पर कांग्रेस समेत सरकार के मंन्त्री ने भी अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

उत्तराखंड के पर्यावरण संरक्षण से जुड़े पर्व हरेला पर इनदिनों राजनीति गर्म है। मामला वन विभाग के प्रमुख वन संरक्षक जयराज के उस पत्र से शुरू हुआ जिसमें उन्होंने विभाग के अधिकारियों को आदेश करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS के कार्यकर्ताओं को प्रदेश भर में हरेला पर्व पर वृक्षारोपण के कार्यक्रम से जोड़ने के आदेश किए। मामले पर खुद विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी संगठन का नाम लिखकर इस तरह से किसी कार्यक्रम में प्रतिभाग करना गलत है। भले ही सरकार भाजपा की हो और आरसीएस उनसे जुड़ा संगठन हो लेकिन यह सरकार सभी राजनीतिक दलों और सभी संगठनों की है।

हरेला पर्व पर राजनीतिक दखलअंदाजी और वन विभाग के एक अधिकारी का इस तरह आर एस एस को उससे जोड़ने का प्रयास कांग्रेस को भी पसंद नहीं आया। नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हिरदेश ने कहा कि प्रमुख वन संरक्षक जयराज को यदि भाजपा ज्वाइन करनी है तो वह कर सकते हैं लेकिन इस तरह से हरेला पर्व का भाजपाई करण ना करें।इधर देश ने कहा कि हरीश रावत सरकार में हरेला पर्व को बढ़ावा दिया गया लेकिन अब सरकार अपने अधिकारी के माध्यम से इस तरह से इसका भी भगवाकरण करना चाहती है।

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