आमदनी अट्ठनी खर्चा रूपया वाली कहावत उत्तराखंड पर बारह आने सच साबित हो रही है.जी हा वित्तीय संकट से जूझ रही उत्तराखंड सरकार को पखवाड़े के भीतर ही दोबारा कर्ज लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। कर्मचारियों को वेतन और भत्ते देने और जरूरी खर्च की पूर्ति के लिए सरकार को एक बार फिर अगले मंगलवार तक 300 करोड़ का कर्ज बाजार से लेना होगा।

इसके साथ ही बाजार से कुल कर्ज बढ़कर 1300 करोड़ हो जाएगा। इतना ही नही बीती जुलाई माह में सरकार को 250 करोड़ का कर्ज बाजार से उठाना पड़ा था। हालांकि राज्य के वित्तीय हालात ठीक नही  है फिर भी  सरकार की फिजूल खर्ची कम होने का नाम नहीं ले रही है  सरकार कर्मचारियों के साथ साथ महानुभावो पर खासी दरिया दिली दिखा रही है ।

बीते दिनों महानुभाओं के मानदेय में भी सरकार ने दो गुना इजाफा किया था यही वजह है कि राज्य में हर माह वित्तीय भार बढ़ता जा रहा है और कर्ज भी । हालाँकि वित्त सचिव अमित नेगी का  कहना है ये रूटीन प्रक्रिया है राज्य की जीडीपी के अनुसार सभी राज्य लोन लेते है उसी के तहत उत्तराखंड  भी लोन लेता है  साथ ही नेगी कहा जीडीपी के अनुसार अभी हम 7 हजार करोड़ का कर्ज और ले सकते हैं।

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