कोविड-19 महामारी के दौर में जहां देश में पहली बार बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है,वहीं उत्तराखंड में 10वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने के बाद 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं,

खास बात यह कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द किए जाने के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने साफ तौर पर कह दिया है कि 12वीं के सभी बोर्ड परीक्षार्थियों को पास किया जाएगा। अब ऐसे में जब बोर्ड के सभी परीक्षार्थी पास होंगे तो सवाल मन में यह भी उठता है कि जो छात्र इस वर्ष 9वी और 11वीं में फेल हुए हैं उनका भी कोई दोष फेल होने में है, क्योंकि कई बार स्कूल अपनी मनमानी के चलते छात्रों को फेल कर देते
हैं,

सवाल इसलिए है कि जब कोरोना वायरस महामारी चल रही हो और सभी बोर्ड परीक्षार्थी 12 वीं में पास हो जाएं तो भला 9वीं और 11वीं के जो छात्र इस वर्ष फेल हुए हैं, उनका क्या कसूर उन्होंने तो बोर्ड जैसी कठिन परीक्षा की भी तैयारी नही की थी । लेकिन देहरादून के गुरु राम राय इंटर कॉलेज सहसपुर में 9वी और 11वीं के करीब 250 छात्रों को फेल कर दिया गया,फेल होने के बाद छात्रों के द्वारा समाजसेवी नीरज राजपूत को अवगत कराया गया कि उनको स्कूल के द्वारा वार्षिक परीक्षा फल के आधार पर फेल कर दिया गया है,

जबकि कोविड-19 की वजह से वह संसाधनों के ना होने के चलते पढ़ाई नहीं कर पाए, जिसके बाद नीरज राजपूत ने मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली के पास छात्रों की पीड़ा लेकर पहुंचे जिसका संज्ञान मुख्य शिक्षा अधिकारी ने लिया और स्कूल को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों कक्षोनन्त करने के निर्देश दिए गए जिसके बाद सभी छात्रों को पास कर दिया गया है।

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