मुश्किल जरूर है, मगर ठहरा नहीं हूं मैं, मंजिल से कह दो कि अभी पहुंचा नहीं हूं मैं.। दून के बुजुर्ग चिकित्सक डॉ. योगी ऐरन इन्हीं पंक्तियों को को चरितार्थ करते आगे बढ़ रहे हैं। किसी न किसी दुर्घटना के चलते त्वचा में विकृति आ जाने पर तमाम लोग आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण प्लास्टिक सर्जरी नहीं करा पाते हैं। ऐसे ही लोगों के लिए देवदूत बनकर काम कर रहे हैं 84 साल के बुजुर्ग प्लास्टिक सर्जन डॉ. योगी ऐरन। वह अब तक 8 000 से अधिक निश्शुल्क प्लास्टिक सर्जरी कर चुके हैं। उन्हीं के सेवाभाव का नतीजा है कि वर्ष 2020 के पद्म पुरस्कारों की सूची में डॉ. ऐरन का भी
कभी अमेरिका में प्लास्टिक सर्जन रह चुके डॉ. योगी में पिछले 14 साल से मानवता की सेवा करने में जुटे हुए हैं। वह कहते हैं कि जलने या जानवर के हमले में घायल होने के कारण शारीरिक विकृति से जूझ रहे लोगों को को दोबारा वही काया पाकर न सिर्फ नया जीवन, बल्कि सामान्य जीवन जीने का एक हौसला भी मिलता है। डॉ. योगी के हाथ में ऐसा हुनर है कि किसी बड़े शहर में अपना अस्पताल खोलकर मोटी कमाई कर सकते हैं, पर उन्होंने जीवन गरीबों की सेवा में समर्पित कर रखा है। देहरादून-मसूरी रोड स्थित कुठालगेट के पास उनकी अपनी पुश्तैनी जमीन है। वे यहीं रहना पसंद करते हैं। यहां पर उन्होंने छोटा सा क्लीनिक बनाया है। डॉ. योगी कहते हैं कि इस उम्र में उन्हें धन-दौलत की नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और सुकून की जरूरत है। लोगों की मुस्कान और दुआ के रूप में यह शांति भरपूर मिल रही है। उनका कहना है कि वह अब तक जो भी कर रहे हैं, अब उससे भी बेहतर करना है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed