उत्तराखंड का मानसून सत्र 19 से 22 अगस्त तक ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसेंण के भराड़ीसैंण में आयोजित होगा। मानसून सत्र को लेकर सरकार और विधानसभा सचिवालय की तरफ से तैयारियां तेज हो गई हैं। पहले सत्र कराने को लेकर असमंजस की स्थिति सामने आ रही थी। भराड़ीसैंण विधानसभा में पहली बार पेपरलेस सत्र होगा। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। राष्ट्रीय ई-विधानसभा एप्लीकेशन (ई-नेवा) के तहत किए गए डिजिटाइलेशन कार्य से इस बार सभामंडप में काफी व्यवस्थाओं में बदलाव नजर आएगा। राष्ट्रीय ई-विधानसभा एप्लीकेशन (ई-नेवा) के माध्यम से विधानसभाओं को डिजिटाइजेशन किया गया है। प्रदेश में इसकी शुरुआत देहरादून स्थित विधानसभा में फरवरी 2025 में हुए बजट सत्र से पेपरलेस सत्र की गई थी। भराड़ीसैंण विधानसभा में ई-नेवा के काम चलने के कारण प्रदेश सरकार ने बजट सत्र देहरादून में कराने का निर्णय लिया था।
मौसम विभाग के 22 अगस्त तक बारिश जारी रहने के अलर्ट ने विधानसभा सचिवालय और सरकार दोनों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में सरकारी अमले को आपदा से निपटने और सत्र के सफल संचालन की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। बदरीनाथ हाईवे पिछले कई दिनों से कई स्थानों पर बाधित है। कौड़ियाला में हाईवे पिछले ढाई दिन से बंद है और उसे खोलने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। कमेड़ा और सिरोबगड़ में भी मार्ग के इतने ही बुरे हाल है। कर्णप्रयाग से गैरसैंण की राह भी आसान नहीं है। जखेड़, सिरोली और आदिबदरी के पास बकरिया मोड़ पर भूस्खलन से मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है और मार्ग खोलने में घंटों लग रहे हैं। यदि भारी बारिश जारी रही तो सड़कें बाधित होंगी, जिससे विधायकों और सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों को सत्र में पहुंचना आसान नहीं रहेगा।