मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस से जंग के लिए कैबिनेट में प्रदेश के सभी मंत्री और विधायकों के वेतन-भत्तों में 30 फीसदी कटौती का फैसला किया था। कोरोना महामारी से जंग के लिए बड़े जोर-शोर से इसका ऐलान किया गया था लेकिन विपक्ष तो छोड़िए सत्ताधारी दल भाजपा के विधायकों ने ही अपनी सरकार के इस फैसले की अनदेखी करते हुए नज़र आ रहे हैं । कैबिनेट के वेतन भत्तों में कटौती सम्बंधी इस फैसले का भाजपा के कुल 58 में से सिर्फ 13 विधायकों ने ही पूरा पालन किया। बाकी ने फैसले का पूर्णतया पालन नहीं किया।

खास बात तो ये है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत तक अपने वेतन प्रतिमाह 57600 रुपए के बजाय मात्र 9000 रुपए कटवा रहे हैं। केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के कई विधायको ने ही सरकार के फैसले का पालन नही किया ।

सत्ता दल के कुल 58 विधयकों से केवल 13 विधानसभा सदस्य ही कैबिनेट के निर्णय के अनुरूप 57600 रुपये प्रतिमाह अपने वेतन भत्तों से कटवा रहे हैं। इनके अलावा 16 विधायक 30000 रुपये, 4 विधायक 12600 रुपये और 13 सिर्फ 9000 रुपये प्रति माह की कटौती करवा रहे हैं। आइटीआई में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष और मंत्रीगणों की वेतन कटौती की जानकारी नहीं दी गई है। दूसरी ओर, कांग्रेस की विधायक दल की नेता और माननीय नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदयेश अपने वेतन का 75600 रुपये कटवा रही हैं। कांग्रेस के विधायक कैबिनेट के फैसले कका पालन कर पूरे 30 वेतन-भत्तों की कटौती करवा रहे हैं। इस बारे में केदानाथ के विधायक मनोज रावत ने कहा है कि ‘देश और प्रदेश हित में इस तरह के निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए।

 

 

 

 

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