प्रदेशभर में भ्रूण लिंग परीक्षण रोकने के लिए राज्य सरकार लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम के तहत राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों की तर्ज पर अब ब्लाक स्तर पर भी समितियों का गठन करेगी। ताकि राज्य में गिरते बाल लिंगानुपात को सुधारा जा सके। प्रदेश के सभी पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केन्द्रों के बाहर सीसीटीवी कैमरा एवं जरूरत पड़ने पर बायोमैट्रिक मशीने लगवाई जायेंगी। चिकित्सक के परामर्श के बिना मेडिकल स्टोर पर गर्भपात संबंधी दवाओं की बिक्री नहीं की जा सकेगी।

सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड में उपरोक्त निर्णय लिये गये। रावत ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण पिछले एक वर्ष से बोर्ड की बैठक नहीं हो पाई थी जिस कारण कई अहम निर्णय लम्बित थे। आज राज्य पर्यवेक्षण बोर्ड (पीसीपीएनडीटी) की बैठक में राज्य एवं जिला स्तरीय समितियों की तर्ज पर सूबे के सभी 95 विकास खण्डों में ब्लॉक निरीक्षण एवं मूल्यांकन समिति (पीसीपीएनडीटी) का गठन किया जायेगा। जिसमें उपजिलाधिकारी, ब्लॉक प्रमुख, खण्ड विकास अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी तथा संबंधित क्षेत्र के एनजीओ के एक सदस्य को शामिल किया जायेगा। समिति को ब्लॉक के अंतर्गत पंजीकृत अल्ट्रासाउंड केन्द्रों निरीक्षण का अधिकार होगा। इसके अलावा क्षेत्र के अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरा एवं बयोमैट्रिक मशीन लगाने का निर्णय लिया गया है। बैठक में 21 दिनों के अंदर जन्म पंजीकरण अनिर्वाय कर किया गया है इसके लिए ग्राम प्रधान, आशा, एएनएम, आंगनबाडी कार्यकत्रियों को शीघ्र प्रशिक्षण दिया जायेगा। राज्य में भ्रूण लिंग परीक्षण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही संबंधी डीके पॉलिसी को शीघ्र लागू करने तथा भ्रूण लिंक परीक्षण की सूचना देने वाले को पुरूस्कृत करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही बोर्ड की बैठक प्रत्येक माह आयोजित करने के साथ ही अगले माह सबसे कम लिंगानुपात वाले जनपद रूद्रप्रयाग में बैठक करने का निर्णय लिया गया। राज्य की सभी महिला विधायकों एवं महिला सांसदों को बोर्ड में बतौर सदस्य नामित करने का निर्णय लिया गया। राज्य में बाल लिंगानुपात के गिरते स्तर को देखते हुए बिना चिकित्सकीय परामर्श के मेडिकल स्टोर पर बिक रही गर्भपात संबंधी दवाओं की बिक्री पर रोक लागने का निर्णय बोर्ड बैठक में लिया गया। राज्य में जबरन कन्या भू्रण लिंग परीक्षण एवं भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए शीघ्र एक हेल्पलाइन सेवा शुरू की जायेगी जिसमें गर्भवती महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगी। जिस पर शासन-प्रशासन तत्काल कार्यवाही कर संबंधित महिलाओं की पूरी मदद करेगा।

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