उत्तराखंड के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने जयपुर दौरे के दौरान शुक्रवार को राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा से शिष्टाचार भेंट की। यह मुलाकात राजस्थान स्थित कृषि पंत भवन में सम्पन्न हुई, जहाँ दोनों मंत्रियों के बीच सकारात्मक माहौल में कृषि क्षेत्र से जुड़े विभिन्न अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।

राजस्थान के कृषि मंत्री ने इस अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की भेंट दी, वहीं उत्तराखंड के कृषि मंत्री ने उन्हें रेशम काकून से निर्मित शाल व पारंपरिक पहाड़ी टोपी भेंट कर उत्तराखंडी संस्कृति का परिचय दिया।

बैठक में एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना, ऑर्गेनिक खेती का विस्तार, गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन, भौगोलिक संकेतक (GI) टैग, जैतून उत्पादन, और मिलेट्स (श्री अन्न) क्षेत्र में नवाचार जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। साथ ही दोनों राज्यों के बीच कृषि क्षेत्र में अनुभव साझा करने और आपसी सहयोग की संभावनाओं पर सहमति बनी।

मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक खेती, औषधीय पौधे, सुगंधित फूल, शहद और ड्रैगन फ्रूट की खेती व्यापक स्तर पर की जा रही है, और इन फसलों की जलवायु-अनुकूल किस्में राजस्थान में भी अपनाई जा सकती हैं। उन्होंने दोनों राज्यों के बीच प्रति-प्रतिनिधिमंडल के आदान-प्रदान का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि इससे योजनाओं और कृषि नवाचारों के अध्ययन को बढ़ावा मिलेगा।

मिलेट्स को प्रोत्साहन देने के लिए उत्तराखंड सरकार बीजों पर सब्सिडी दे रही है। इसके अतिरिक्त मशरूम उत्पादन वर्षभर किया जाता है, और बुरांश फूलों से बना शर्बत हृदय रोगियों के लिए लाभकारी माना जाता है।

उत्तराखंड में “हाउस ऑफ हिमालयाज” नामक अम्ब्रेला ब्रांड के माध्यम से स्थानीय कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग की जा रही है, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके।

इस भेंट के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के लिए विशेष रूप से आमंत्रित भी किया।

बैठक में राजस्थान सरकार के कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल, उद्यान आयुक्त सुरेश ओला, मो. जुनैद, सीड निगम की एमडी निमिषा गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

 

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