साइबर ठगों की ओर से देहरादून के एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत की फर्जी आइडी बनाकर मैसेंजर से पैसे मांगने का मामला सामने आया है। एसएसपी ने साइबर सेल को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी कार्यालय पहुंचे एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करवाई कि एसएसपी के नाम से अज्ञात व्यक्ति ने आइडी बनाई हुई है। इसमें उनका फोटो भी लगा हुआ है। आरोपित की ओर से मैसेंजर से एसएसपी के नाम से पैसे मांगे जा रहे हैं। इस संबंध में व्यक्ति ने स्क्रीनशॉट भी कार्यालय को सौंपा।
एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि साइबर सेल को जांच के लिए आदेशित किया गया है। उन्होंने कहा कि साइबर ठग पैसे पाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, इसलिए बिना जांचें-परखे किसी के खाते में पैसे ट्रांसफर न करें।
बीएसएनएल का अधिकारी बताकर 50 हजार रुपये ठगे
अज्ञात व्यक्ति ने खुद को बीएसएनएल का अधिकारी बताकर देहरादून के तीन व्यक्तियों से 1.20 लाख रुपये ठग लिए। पीडि़तों ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए 61 हजार रुपये वापस खाते में मंगवा दिए। पीडि़तों ने शिकायत में बताया कि उन्हें एक व्यक्ति का फोन आया था, जिसने खुद को बीएसएनएल अधिकारी बताया। मोबाइल नंबर चालू रखने के लिए एनी डेस्क एप डाउनलोड करने के लिए कहा और एप पर लिंक भेजकर एक लाख, 20 हजार रुपये ठग लिए। शिकायत पर पुलिस ने तुरंत संबंधित वालेट के नोडल अधिकारियों से संपर्क करके तीनों मामलों में 61 हजार रुपये वापस खाते में डलवा दिए हैं।
ऐसे बचें साइबर ठगों से
मैसेंजर से यदि कोई व्यक्ति पैसे मांगता है तो उसकी अच्छी तरह से पड़ताल कर लें, क्योंकि साइबर ठग किसी अधिकारी या नेता की फोटो लगाकर मैसेंजर से पैसे मांग रहे हैं।
किसी अंजान व्यक्ति के बहकावे में आकर एनी डेस्क क्विक सपोर्ट डाउनलोड न करें।
केवाइसी अपडेट, मोबाइल नंबर बंद होने संबंधी मैसेज व फोन काल आने पर अपनी व्यक्तिगत व बैंक संबंधी जानकारी शेयर न करें।
अंजान व्यक्ति की ओर से भेजे गए किसी भी पेमेंट गेटवे, वालेट व मोबाइल एप्लीकेशन पर धनराशि प्राप्त करने के लिए कभी भी न तो क्यूआर कोड स्कैन करें और ना ही यूपीआइ पिन डालें।
किसी अजनबी या किसी ऐसे व्यक्ति से प्राप्त संदेश का जवाब न दें, जिसे आप नहीं जानते हैं।
किसी भी प्रकार के अंजान लिंक पर क्लिक न करें।