उत्तराखंड में लंबे समय बाद चीनी मिलों को लेकर अच्छी खबर आई है.. दरअसल डोईवाला चीनी मिल को सर्वोच्च गुणवत्ता वाली चीनी तैयार करने में कामयाबी मिली है.. खासबात यह है कि राष्ट्रीय शर्करा संगठन (National Sugar Institute) ने खुद इस पर मुहर लगाई है..दरअसल NSI को डोईवाला चीनी मिल द्वारा चीनी के सैंपल भेजे गए थे, जिन्हे उच्चतम गुणवत्ता मानकों पर खरा पाया गया.. आपको बता दें कि राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर द्वारा आगामी पैराई सत्र 2024-25 के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सभी चीनी मिलों से पैराई सत्र 2023-24 के दौरान उत्पादित चीनी के नमूने लिए गए थे। इसमें राष्ट्रीय शर्करा संगठन ने डोईवाला चीनी मिल में उत्पादित चीनी को सबसे बेहतर पाया और अब डोईवाला चीनी मिल के नमूनों को भारतीय शर्करा मानक (Indian Sugar Standards) में अनुमोदित भी कर दिया गया है, यानी राष्ट्रीय स्तर पर चीनी मिलों के लिए चीनी की गुणवत्ता का मानक डोईवाला चीनी मिल में उत्पादित चीनी को माना जाएगा, जोकि उत्तराखंड और खासतौर पर डोईवाला चीनी मिल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
उत्तराखंड में घाटे की चीनी मिलों के बीच डोईवाला चीनी मिल की सूरत काफी बदली है.. डोईवाला चीनी मिल के अधिशासी निदेशक दिनेश प्रताप सिंह के मुताबिक चीनी मिल में टीम भावना से काम करने वाले कर्मियों और किसानों के कारण डोईवाला चीनी मिल के हालात बेहतर करने में सफलता हासिल हुई है..चीनी की गुणवत्ता को लेकर जो कमयाबी मिली है उसके लिए वो सभी मिल कर्मियों और किसानों को बधाई देते हैं। इस दौरान शुगर मिल की कामगार यूनियन और श्रमिक संगठन ने अधिशासी निदेशक को पुष्पगुच्छ देकर उनके नेतृत्व में शुगर मिल के सुधर रहे हालातों पर उन्हें सम्मानित किया।
राज्य में कई चीनी मिल फिलहाल मुश्किल दौर से गुजर रही है, ऐसे में सरकार की तरफ से भी ऐसी चीनी मिलों के हालात सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। डोईवाला चीनी मिल की कामयाबी के बाद प्रदेश की बाकी चीनी मिलों को लेकर भी उम्मीदें जगी है और इसी तर्ज पर प्रदेश की बाकी चीनी मिलों में चीनी की गुणवत्ता पर काम हो सकता है साथ ही मिलों को फायदे की तरफ ले जाने के प्रयास किए जा सकते हैं।