देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस में घमासान जारी है। सोमवार देर रात मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोले जाने के बयान के कारण जहां पार्टी ने अकील अहमद को छः साल के निष्कासित किया है। तो वहीं अब पूर्व उपाध्यक्ष अकील अहमद का निष्कासन के बाद बड़ा बयान आया है। अकील ने कांग्रेस हाईकमान से प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश आब्जर्वर मोहन प्रकाश व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर कार्रवाई की मांग की है। तो साथ ही उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी बनकर रहेगी। चाहे इसके लिए समाज के लोगों से चंदा इकट्ठा करना पड़े। उन्होंने कहा कि  इस मुद्दे के कारण कांग्रेस नहीं हारी। बड़े नेता अपनी कमियां छुपाने के लिए हार का ठीकरा उनके सिर फोड़ रहे हैं।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अकील अहमद ने अपने निष्कासन पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बयान पर मुझ पर कार्रवाई की गई तो पार्टी के अन्य नेताओं जैसे कांग्रेस हाईकमान से प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश आब्जर्वर मोहन प्रकाश व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अब तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनकर रहेगी। चाहे इसके लिए समाज के लोगों से चंदा इकट्ठा करना पड़े। भड़कते हुए अकील अहमद ने कहा कि वह इसी मुद्दे पर हरिद्वार लोकसभा से टिकट की मांग करेंगे। पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

इतना ही नहीं अकील अहमद ने हरीश रावत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने हरीश रावत की बेटी को हराने नहीं जिताने का काम किया। उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव में तो उन्होंने कोई बयान नहीं दिया था, तब कांग्रेस क्यों हारी? तत्कालीन मुख्यमंत्री दो-दो सीटों से पराजित कैसे हो गए?  कहा कि यह बात भी सही है कि उनकी इस संबंध में चुनाव से पूर्व हरीश रावत से कोई बात नहीं हुई थी। मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग अन्य मांगों की तरह ही एक सामान्य मांग थी, लेकिन भाजपा ने इसे मुद्दा बनाकर चुनाव मेें वोटों का ध्रुवीकरण कर दिया।

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