उत्तराखंड आबकारी विभाग के कर्मचारियों ने चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। आरोप है कि जिलाधिकारी ने जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर कुमार त्रिपाठी और अन्य कर्मचारियों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, गाली-गलौच की, तथा जबरन दबाव बनाकर गलत नोटिंग पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश की।

क्या है मामला?
आबकारी कार्मिक संयुक्त मोर्चा की बैठक में जानकारी दी गई कि 31 मार्च 2025 को दुर्गेश्वर कुमार त्रिपाठी, जिलाधिकारी चमोली से मिलने गए थे, जहां कथित रूप से उन्हें अपमानजनक भाषा में धमकाया गया और जबरन जिले से बाहर जाने के लिए मजबूर किया गया। इतना ही नहीं, जिलाधिकारी ने उनके खिलाफ साजिश रचते हुए सहायक लेखाकार और कनिष्ठ लिपिक से जबरन फर्जी नोट शीट पर हस्ताक्षर कराने का भी प्रयास किया।

पहले भी हो चुका है दुर्व्यवहार
बैठक में बताया गया कि 18 मार्च 2025 को भी जिलाधिकारी तिवारी ने इसी तरह का अभद्र व्यवहार किया था। आबकारी विभाग के कर्मचारियों को जबरन रात 12 बजे तक कार्यालय में बुलाए जाने और स्टांप पेपर पर झूठा माफीनामा लिखवाने का दबाव डालने की भी शिकायत की गई।

संयुक्त मोर्चा ने की कार्रवाई की मांग
बैठक में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे और सर्वसम्मति से जिलाधिकारी के तत्काल स्थानांतरण, झूठी कार्यवाही को वापस लेने और कर्मचारियों को सुरक्षित माहौल देने की मांग की गई।

अगर मांगें नहीं मानी गई तो होगा आंदोलन
संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर 3 दिनों के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में आंदोलन और कार्यालयों की तालाबंदी की जाएगी।

संयोजक मंडल का गठन
इस बैठक में कर्मचारियों ने एक संयोजक मंडल भी गठित किया, जिसमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष अरुण पांडे, सहायक आबकारी आयुक्त के.पी. सिंह, नाथू राम जोशी, विजेंद्र भंडारी, शिव प्रसाद व्यास, किशन सिंह चौहान और दीपक भट्ट को शामिल किया गया।

अब देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या जिलाधिकारी चमोली पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।

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