उत्तराखण्ड में अब जल्द ही महिलाओं के सिर से घास-लकड़ी का बोझा उतर जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस दिशा में कार्य योजना तैयार करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए हैं। उत्तराखण्ड के मंदिरों के कपाट खुलने और बंद होने अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में सजावटी कार्यों के लिए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी जाएगी। प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र रावत ने अफसरों से कहा है कि राज्य में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जो अपने साथ क्षेत्र की स्मृति चिन्ह ले जाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चाहते हैं कि स्वयं सहायता समूहों को क्रिएटिव होकर राज्य से जुड़ी हुयी अलग-अलग थीम पर स्मृति चिन्ह बनाना चाहिये। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर उस दिशा की ओर कार्य कर रही है, जिससे प्रदेश का हर स्तर से विकास हो सके। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत उत्तरकाशी के 11 उद्यमियों को ‘परियोजना आवंटन पत्र‘ देकर बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री ने एल.ई.डी. ग्राम लाईट योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘‘एनर्जी वॉरियर्स‘‘ के रूप में भी सम्मानित किया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘ऊर्जा दक्ष ग्राम‘ के प्रधानों को भी प्रशस्ति पत्र वितरित कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने एल.ई.डी. निर्माण में लगे सभी स्वयं सहायता समूहों के लिए 50-50 हजार के रिवाॅल्विंग फण्ड की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों से बात भी की। उन्होंने कहा कि इनका ‘दरांती से साॅल्डरिंग रोड के बीच का सफर‘ अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है। स्वरोजगार से जुड़कर महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ी है। उत्तराखण्ड में ग्रोथ सेंटर रोजगार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में भी ग्रोथ सेंटर्स की अपार सम्भावनाएं हैं। स्कूल ड्रेस, डाॅक्टर्स-नर्स आदि के लिए ड्रेसिज तैयार करने पर भी फोकस करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।

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