कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफा देने के मामले पर सभी वरिष्ठ नेता नकारते आ रहे हैं। जबकि, सूत्रों के मुताबिक बीते दिन हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मीटिंग में मौखिक रूप से इस्तीफा दे कर रोते हुए बाहर निकल गए थे। हालांकि, इस बात की अधिकारिक पुष्टि हो गई है कि कैबिनेट मीटिंग के दौरान मंत्री हरक सिंह रावत ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने का मामला उठाया था। जिसके बाद वह फिर बाहर चले गए। लेकिन हरक सिंह रावत की प्रेशर पॉलिटिक्स काम आ गई, और राज्य सरकार को कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए मजबूर कर दिया।

देहरादून से चमोली दौरे पर रवाना होने से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी के सम्बंध में अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम धामी ने सधे शब्दो मे कहा है कि हर जनप्रतिनिधि के सामने अपने इलाके के विकास का दबाव होता है। नाराजगी जैसी कोई बात नही है।मिलजुलकर बात करके मामले को सुलझा लिया जाएगा। चुनाव नजदीक है सभी को काम अधिक तेजी से कराने की ललक होती है।

तो वही, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी हरक सिंह के इस्तीफे की बात को सिरे से नकार दिया है। यही नही, कबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने बड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी को दूर कर दिया गया है लिहाजा अब वह नाराज नहीं है। यही नहीं सुबोध उनियाल ने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाए जाने पर सहमति बन गई है, क्योंकि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, कोटद्वार मेडिकल कॉलेज बनाए जाने को लेकर नाराज चल रहे थे। हालांकि, कोटद्वार मेडिकल कॉलेज की बजट को लेकर मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाई है जल्द ही इस संबंध में सरकार बड़ा फैसला लेगी।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed