उत्तराखंड में अधिकारियों को माननीय विधायक जी कहकर संबोधित करना होगा। सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रश्न उठने पर पीठ ने निर्देश दिया है। पीठ ने कहा कि सरकार मुख्य सचिव को निर्देशित करे कि इस बात को जिलों के अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाए। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधायकों के प्रोटोकॉल का हर हाल में पालन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विधायक सत्ता पक्ष के हों या फिर विपक्ष के दोनों सूरत में प्रोटोकॉल का ख्याल रखा जाए। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने विशेषाधिकार की अवहेलना का मुद्दा उठाया था। उन्होंने क्षेत्र के सरकारी कार्यक्रमों में नहीं बुलाने का आरोप लगाया। विशेषाधिकार हनन के मुद्दे को विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया।
उन्होंने पीठ से सरकार को बताने के लिए कहा कि किसी भी विधायक के सम्मान में कमी ना आए। उनको माननीय विधायक जी कहकर संबोधित करने के साथ प्रोटोकॉल को ध्यान में रखा जाए। पीठ से कहा गया कि फोन पर अधिकारी सम्मानजनक ढंग से माननीय विधायक जी कहकर संबोधित करें। सदन की कार्यवाही के दौरान विशेषाधिकार की अवहेलना को विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरतापूर्वक लिया। उन्होंने कहा कि विधायकों के प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराना सरकार की जिम्मेदारी है। मुख्य सचिव के माध्यम से जिलों में तमाम अधिकारियों को समझा दिया जाए। आगे किसी भी विधायक के फोन आने पर माननीय विधायक जी कहकर संबोधित किया जाए। किसी भी कार्यक्रम में शिरकत करने पर विधायकों को माननीय विधायक जी से बात की जाए। बता दें कि विपक्ष आपदा, अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई, कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए तैयार है। राजधानी देहरादून में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने तेवर दिखा दिए थे।

