स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग व ब्रांडिंग के लिए बनाए गए हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड ने अब तक 34.52 लाख का कारोबार किया है। बीते वर्ष दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ब्रांड की लॉन्चिंग की थी। हाउस ऑफ हिमालयाज से स्थानीय उत्पादों को बाजार मिला है। इस ब्रांड के उत्पाद ई-कामर्स प्लेटफार्म अमेजन पर भी उपलब्ध है। हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड पहाड़ के जंगलों में पैदा होने वाले शुद्ध शहद से लेकर मंडुआ, झंगोरा, गहथ, राजमा, ऊनी वस्त्र, हस्तशिल्प उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है। सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा ने बताया, उत्तराखंड की साठ प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, ऐसे में हाउस ऑफ हिमालयाज ग्रामीण आर्थिकी के मामले में गेम चेंजर साबित होने जा रही है।

योजना के तहत तीन साल में कारोबार बढ़ाने के साथ ही पांच लाख महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख के पार कर उन्हें लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। योजना के तहत किसानों और ग्रामीण महिलाओं की आय में 50 से 75 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के तहत आठ श्रेणी में कुल 35 उत्पादों को शामिल किया गया है। इसमें मोटे अनाजों से बने बिस्किट, मुन्स्यारी, चकराता, हर्षिल की राजमा, चौलाई, तोर दाल, लाल चावल, झंगोरा, गहथ, काले भट्ट, चाय, तेल, हस्तशिल्प उत्पाद शामिल हैं। दिवाली पर्व पर हाउस ऑफ हिमालयाज की ओर से खास गिफ्ट पैक तैयार किए गए। राज्य के समग्र विकास के लिए गांवों की आर्थिकी मजबूत करनी जरूरी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस ब्रांड के तहत उत्तराखंड के परंपरागत उत्पाद अब देश-विदेश में पहुंच रहे हैं। सरकारी खरीद के जरिए भी ब्रांड की मांग बढ़ाई जा रही है।