देहरादून । उत्तराखंड में कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस संक्रमण से ग्रसित मरीजों का भी केंद्र व राज्य सरकार की अटल आयुष्मान योजना में कैशलेस इलाज किया जाएगा। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को केंद्र सरकार की अनुमति मिलने का इंतजार है। योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में ब्लैक फंगस इलाज की दरें भी तय की जाएगी। हालांकि प्राधिकरण ने सरकार की अनुमति मिलने तक ब्लैक फंगस पीड़ित मरीज की जान बचाने के लिए आयुष्मान में इलाज कराने का अनंतिम निर्णय लिया है।

केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड धारक मरीजों का सूचीबद्ध अस्पतालों में कोरोना मुफ्त इलाज किया जा रहा है, लेकिन अभी तक ब्लैक फंगस संक्रमण आयुष्मान योजना के दायरे में नहीं है। प्रदेश में आयुष्मान योजना को संचालित कर रही राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को केंद्र व प्रदेश सरकार की अनुमति का इंतजार है। जिसके बाद अन्य बीमारियों की तरह ब्लैक फंगस के इलाज की दरें तय की जाएगी।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि प्राधिकरण की ओर से सभी सूचीबद्ध अस्पतालों को राज्य की ओर से जारी ब्लैक फंगस इलाज की गाइडलाइन जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस का इलाज अभी आयुष्मान योजना में शामिल नहीं है।

जब तक सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं होते हैं तब तक मरीजों की जान बचाने के लिए प्राधिकरण ने ब्लैक फंगस मरीजों का उपचार कराने का अनंतिम निर्णय लिया है। ब्लैक फंगस से पीड़ित एक मरीज को इलाज की पूर्व अनुमति दी गई है। केंद्र व राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही आयुष्मान योजना में ब्लैक फंगस मरीजों के निशुल्क इलाज को लागू किया जाएगा।

कोरोना से मौत होने पर मिलेगा सात लाख का इंश्योरेंस क्लेम
कोरोना संकट के इस समय में वित्तीय मदद लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। ऐसे ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों को राहत देते हुए ईडीएलआई (इंप्लाइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम) के तहत बीमा कवर की राशि छह लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी है।

आपको बता दिया जाए कि सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने के लिए 1976 में ईडीएलआई योजना शुरू की गई थी। योजना के तहत संगठित क्षेत्र में काम करने वाले किसी व्यक्ति की कोरोना से मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को अधिकतम सात लाख रुपये तक लाइफ इंश्योरेंस मिल सकता है।

यह मृतक की बेसिक सैलरी के हिसाब से मिलता है। इस राशि का क्लेम नॉमिनी की ओर से पीएफ खाताधारक की मृत्यु होने पर किया जाता है। इसका लाभ लेने के लिए नॉमिनी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

कोविड से सुरक्षा के लिए पंचायतों को 85 करोड़ की पहली किश्त जारी

कोरोना संक्रमण से ग्रामीणों को बचाने एवं विकास कार्यों के लिए पंचायतों को 85 करोड़ की पहली किश्त जारी कर दी गई है। विभागीय सचिव हरि चंद्र सेमवाल के मुताबिक सीएम के निर्देश पर ग्राम पंचायतों को 63 करोड़, क्षेत्र पंचायतों को आठ एवं जिला पंचायतों के लिए 12 करोड़ से अधिक की धनराशि जारी की गई है।

विभागीय सचिव ने कहा कि बिना देरी के यह धनराशि पंचायतों तक पहुंच सके इसके लिए इसे डिजिटल माध्यम से हस्तांतरित किया गया है। इससे विकास कार्यों के साथ ही कोरोना वायरस महामारी से ग्रामीणों को बचाने के लिए आवश्यक उपाय किए जा सकें। बाहर से आने वाले लोगों की क्वारंटीन व्यवस्था के लिए सामुदायिक भवनों, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल एवं अन्य राजकीय भवन आदि की साफ सफाई, बिजली की व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, शौचालय व्यवस्था, मरम्मत, सैनिटाइजेशन आदि कार्यों को पूरा करने में सहायता मिल सकेगी।

पंचायतीराज सचिव ने बताया कि 15 वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों को दी जा रही धनराशि से शासनादेश एवं ग्राम पंचायतवार, क्षेत्र पंचायतवार, जिला पंचायतवार धनराशि का आवंटन पंचायती राज विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। जिसे कोई भी व्यक्ति अपनी पंचायत के बारे में जानकारी पा सकता है।

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