राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज हरिद्वार पहुंचे उन्होंने यहां पतंजलि योगपीठ के पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लिया और छात्र छात्राओं को उपाधि प्रदान की राष्ट्रपति ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए जीवन में उत्साह बरकरार रखने का भी संदेश दिया उन्होंने हरिद्वार उत्तराखंड देवभूमि को नमन करते हुए छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की
उन्होंने कहा कि पहले योग्य केवल कुछ लोगों तक ही सीमित था और केवल साधु संत का ही योग से संबंध माना जाता था परंतु बाबा रामदेव ने योग को घर-घर तक पहुंचाया और आम आदमी को भी इससे जोड़ा इससे लोगों को अपने स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा हुई और भारत में नहीं विश्व में योग का प्रचार प्रसार हुआ और यूनेस्को ने भी योग को विश्व धरोहर का दर्जा दिया
21 जून को पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जाता है और पूरा विश्व योग विज्ञान का लोहा मानने लगा है
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि योग किसी पंथ या समुदाय से संबंधित नहीं है बल्कि यह सब के लिए है इसलिए पूरे विश्व में इसे अपनाया है
उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय आधुनिक ज्ञान एवं भारतीय वैदिक परंपरा को जोड़कर नई पीढ़ी को तैयार कर रहा है जो भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में योग का परचम लहराएंगे और मानव जीवन के उत्थान के लिए काम करेंगे
उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय स्वदेशी आधुनिकता स्वरोजगार व शिक्षा जोड़कर भावी पीढ़ी को राष्ट्र के निर्माण के लिए तैयार कर रहा है जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं
उन्होंने कहा कि महर्षि पतंजलि ने हजारों साल पहले योग विज्ञान का विकास कर योग के अनेक सूत्र बनाएं जो व्यक्ति के चरित्र के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी निर्माण करते हैं
महर्षि पतंजलि का योग विज्ञान भारत का विश्व को एक बड़ा उपहार है
उन्होंने कहा कि युवक व्यक्ति को संवेदनशील बनाता है और करुणा सेवा के आदर्शों के साथ काम करने की प्रेरणा भी देता है
उन्होंने कहा कि इन्हीं आदर्शों अपनाकर कोरोना वरियर्स में कोरोना महामारी के चलते न केवल असंख्य लोगों की सेवा की और उनकी जान बचाई इन्हीं कोरोनावरियर्स ने वैक्सीन का निर्माण कर मानव जीवन की रक्षा के लिए उत्कृष्ट काम किया
उन्होंने कहा कि योग और प्रकृति दोनों ही मानव जीवन की रक्षा के लिए बने हैं अत हमें अपनी संस्कृति और प्रकृति दोनों की ही देखभाल करनी है और इनके नियमों का पालन करके स्वयं व प्रकृति को बचाना है
उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय में विदेशों से भी छात्र-छात्राएं अध्ययन के लिए आ रहे हैं इससे पूरे विश्व में योग की मान्यता बढ़ेगी और अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं को लाभ मिलेगा
उन्होंने कहा कि उनको यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि भारतीय वैदिक संस्कृति और योग पर आधारित शिक्षा का अध्यन करने के लिए छात्रों की अपेक्षा छात्राएं अधिक भाग ले रही है अतः भारतीय परंपरा पर आधारित आधुनिक शिक्षा के प्रचार प्रसार में बेटियों की भूमिका भी काफी अहम हो गई है

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