फिक्की की ओर से यात्रा, पर्यटन और पर्यटक सुविधा विषय पर आयोजित ऑनलाइन कॉन्क्लेव में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बतौर वक्ता के तौर पर भाग लिया। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे पर्यटन को गति देने के लिए सरकार ने बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इससे उत्तराखंड पर्यटन को गति मिलने के साथ पर्यटन उद्योग भी पटरी पर लौटेगा। शुक्रवार को कॉन्क्लेव का समापन हो गया।

दो दिवसीय ऑनलाइन आयोजित कॉन्क्लेव में देश भर के विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के साथ पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों ने भाग लिया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कोरोनाा महामारी ने भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में पर्यटन उद्योग को गंभीर झटका दिया है। ऐसे में हम पर्यटन उद्योग को गति देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। जिससे इस सेक्टर से जुड़े प्रदेश भर के लाखों लोगों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के मामलों में तेजी से आती कमी के बीच यात्रियों की पसंद और व्यवहार में बदलाव आया है। इस परिवर्तन को स्वीकार करते हुए और इसे एक अवसर के रूप में परिवर्तित करते हुए हमें कुछ पहलुओं पर फोकस करना चाहिए। जिससे पर्यटन उद्योग को फिर से पटरी पर लाया जा सके। हमारी सरकार ने पर्यटन से जुड़े हितधारकों को वित्तीय सहायता देने के लिए 200 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है। हमने दीन दयाल होमस्टे योजना, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और ट्रेकिंग ट्रैक्शन योजना शुरू की है। जिसके सकारात्मक परिणाम हमें देखने को मिल रहे हैं।

उत्तराखंड पर्यटन को विकसित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में और जानकारी देते हुए श्री सतपाल महाराज ने कहा कि हमारी सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए चार धाम को एक स्मार्ट आध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित करने के लिए सतर्कता से काम कर रही है। इसके साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सर्किट विकसित कर रहे हैं। हम उत्तराखंड के विष्णु सर्किट, शैव सर्किट, विवेकानंद सर्किट, नरसिंह सर्किट, नवग्रह सर्किट, गोल्ज्यू सर्किट, गुरुद्वारा सर्किट, हनुमान सर्किट का तेजी से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और कुछ सर्किट के प्रस्तावित हैं। इतना ही नहीं उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने और प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के दबाव को कम करने के लिए नए पर्यटन स्थालों को विकसित किया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। जबकि टिहरी, नायर घाटी, मार्चुला जैसे हमारे कुछ स्थानों को पर्यटकों के लिए साहसिक खेल स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए हमारे प्रयास दृढ़ हैं। इसी तरह, हम उत्तराखंड को दुनिया भर में एक पसंदीदा फिल्म गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। सत्र का समापन करते हुए उन्होंने फिक्की को विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here