श्रीनगर, गढ़वाल। आज वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत जी के रुद्रप्रयाग से पौड़ी जाते समय श्रीनगर के पास दूध देरी के निकट जंगलो में धधकती हुई आग को देख जंगल में आग बुझाने के लिए स्वयं निकल पड़े। जंगल की इस भीषण आग में अपनी की जान की परवाह न करते हुए आग को बुझाने का कार्य किया। माननीय मंत्री जी ने श्रीनगर के जंगलों में लगी आग को काबू पाने के लिए घंटों मशक्कत की और आग को काबू पाने में सफल हुए।

युही डॉ हरक सिंह रावत को सबसे अलग नही कहा जाता। जब 2013 की भीषण आपदा में जब सब लोग आपदा स्थल पर जाने से कतरा रहे थे तब डॉ हरक सिंह रावत ने चौपर को एक घर के ऊपर उतरवा कर अपनी जान की परवाह ने करते हुए लाखो लोगों को बचाने का कार्य किया। डॉ हरक सिंह रावत जी एक ऐसा जन नेता है जो विप्पति की घडी में सबसे आगे खड़े रहते है चाहे वो केदारनाथ आपदा हो, धारचूला पिथौरागढ़ की आपदा हो, चाहे कोरोना महामारी हो। माननीय डॉ हरक सिंह रावत जी ने कंधे से कंधा मिला कर प्रदेशवासियों को संकट की घड़ी से उभारा है, उनका साथ दिया है।
इसलिए डॉ हरक सिंह रावत की करनी और कथनी समान हैं। वो जो बोलते है उसे पूरा जरूर करते है।

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