शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में उठा 10 से कम छात्र संख्या के प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलो को बंद करने का मामला उठा। बीजेपी विधायक सुरेंद सिंह जीना ने शिक्षा मंत्री से सवाल ये सवाल पूछा। जिसमें सवाल किया गया कि 10 से कम छात्र संख्या वाले कितने स्कूलों को बंद किया गया है। जबाव में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कुल 600 स्कूलों में से 301 को किया गया है बन्द 299 स्कूलों का किया गया है, दूसरे स्कूलों में समायोजन किया गया है। साथ ही खाली हुए स्कूलों को पंचायत विभाग के हैंडओवर किया गया है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बंदर से हो रहे फसलों के नुकसान को लेकर भाजपा विधायक विनोद कंडारी ने कृषि मंत्री से सवाल किया लेकिन कृषि मंत्री के जवाब देने की बजाय वन मंत्री हरक सिंह रावत ने सदन के समक्ष जवाब दिया बंदरों से किसी तरह पर्वतीय क्षेत्रों में ना तो खेती को नुकसान हो रहा है और ना ही लोग बंदरों के आतंक से परेशान होकर खेती छोड़कर पलायन कर रहे हैं हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार दो बंदर बाड़े बनाने जा रही है साथी 7000 से ज्यादा बंदरों की नसबंदी भी की जा चुकी है हरक सिंह रावत के जवाब आने के बाद भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने सवाल किया कि यदि बंदरों के आतंक से खेती को नुकसान नहीं हो रहा है तो फिर सरकार क्यों बंदर बड़े बनाने जा रही है।
उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला विपक्ष ने नियम 310 के तहत गन्ना किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। वही प्रश्नकाल के दौरान विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने आयुष छात्रों की फीस वृद्धि का मुद्दा उठाया। जिसमे उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट के आदेश के बावजूद निजी आयुष कॉलेजों ने फीस मे कटौती नही की है। जिस पर आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने जवाब देते हुए कहा कि नौ जुलाई 2018 को हाइकोर्ट का आदेश आया और फीस कमेटी हर तीन साल में फीस निर्धारण करती है, साल 2006 में फीस कमेटी का एक्ट बनाया, 2010 में संशोधन किया गया 2007, 2010, 2013, 2019 में फीस निर्धारण होना था, नहीं हो पाया कई कारणों से और 14 अक्तूबर 2015 में आदेश जारी कर 2.15 लाख फीस तय कर दी गई, बिना कमेटी बनाये.और हाइकोर्ट ने दो हफ्ते में फीस वापस करने के आदेश दिए, इसके बाद हमने नौ अक्टूबर को कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा जिसके बाद 12 कॉलेजों ने हाथ खड़े कर दिए, इतना ही नही तीन बार तक कॉलेजों को आदेश दिए गए और इसके बाद भी कॉलेजों को नोटिस भेजे गए है यदि एक माह में आदेश का पालन नही होता है तो एफिलिएशन समाप्त करेंगे, इस दौरान बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने सरकार के आदेश को कॉलेजो द्वारा न मानने को अराजकता का विषय बताया आपको बता दें कि निजी आयुष कॉलेजों की फीस बढ़ोतरी का छात्र विरोध कर रहे है, करीब 65 दिनों तक आंदोलन करने के बाद भी अबतक छात्रों की मांग पूरी नही हो पाई है पहले नियम 310 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की लेकिन पीठ ने नियम 58 के तहत इसे चर्चा के लिए स्वीकारा। सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक भी गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया है जबकि पेराई सत्र से पहले सरकार को गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित कर देना चाहिए। इसके साथ ही गन्ना किसानों के बकाए को लेकर भी कांग्रेस ने सदन के भीतर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा डीजल के दाम लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं लेकिन उस हिसाब से किसानों की फसल के दाम नहीं तय हो रहे हैं। वहीं विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा की गन्ना किसानों के बकाया के भुगतान किया जा रहा है इसके साथ ही गन्ना मूल्य निर्धारण परामर्श समिति की रिपोर्ट के आधार पर जल्दी समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा।