सल्ट विधानसभा सीट से आखिरकार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने होली के दिन अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। भाजपा में जहां महेश जीना को उम्मीदवार बनाया है वहीं कांग्रेस ने गंगा पंचोली पर दांव खेला है। बता दें कि महेश जीना दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के भाई हैं। जबकि कांग्रेस की गंगा पंचोली पूर्व में भी यहां से अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं।

गौरतलब है कि सल्ट सीट भाजपा के ही खाते में थी और यहां से सुरेंद्र सिंह जीना विधायक थे। बीते दिनों बीमारी के चलते उनकी मौत होने से ये सीट खाली चल रही है। भाजपा जहां अपने दबदबे वाली इस सीट पर फिर से काबिज़ होना चाहती है, वहीं कांग्रेस इस सीट को किसी भी तरह अपनी झोली में डालना चाहती है।

हालांकि ये पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि राज्य में अब तक हुए अन्य उपचुनाव की तरह इस बार भी सहानुभूति का दांव खेलेगी, लेकिन इसी सीट से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनाव लड़ाने तक की चर्चाएं आम रहीं।

वहीं कांग्रेस ने सिम्बके फाइनल होने के बावजूद प्रत्याशी घोषित नहीं किया और भाजपा के पत्ते खोलने का इंतज़ार किया। आखिरकार होली के दिन इंतज़ार खत्म हुआ और भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। बता दें कि सल्ट विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को चुनाव होगा।

आपको बता दें कि इस सीट से गंगा 2017 में भी कांग्रेस की प्रत्याशी थी। उन्होंने भाजपा प्रतयाशी को कड़ी टक्कर दी थी और केवल करीब 3000 वोटों के अंतर से चुनाव हारीं थीं। सुरेंद्र जीना को तब 21,581 वोट मिले थे, जबकि गंगा पंचोली ने 18671 वोट लिए थे। वह 2904 वोटों से चुनाव हार गई थीं।

सल्ट उपचुनाव को 2022 विधानसभा का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल के यह पहला उपचुनाव है। इसलिए इसे उनकी परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।

उत्तराखंड में पहली बार ग्लव्स पहनकर वोट डालेंगे मतदाता

उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा के मतदाता ग्लव्स पहनकर वोटिंग करेंगे। पहली बार ऐसा होगा कि चुनाव में मतदाताओं को वोटिंग और रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने से पहले हाथों में दस्ताने पहनने होंगे। निर्वाचन आयोग ने यह प्रावधान कोविड-19 महामारी के संक्रमण से रोकथाम करने के उद्देश्य से किया है।

विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के असामयिक निधन से खाली हुई सल्ट विधानसभा के उपचुनाव के लिए 17 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। चुनाव के लिए नामांकन भरने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है जो 30 मार्च तक चलेगी। 31 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी और तीन अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।

यह उपचुनाव ऐसे समय में हो रहे हैं जब एक बार फिर कोविड-19 महामारी के संक्रमण फैलाव का खतरा बढ़ रहा है। यही वजह है कि निर्वाचन आयोग उपचुनाव के दौरान कोविड-19 महामारी रोकथाम की मानक प्रचालन प्रक्रिया को कड़ाई से लागू कर रहा है। सहायक निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास के मुताबिक, जिन बूथों में एक हजार से अधिक मतदाता हैं, उन्हें दो बूथों में बदला गया है। सल्ट विधानसभा में 1000 मतदाता वाले 15 बूथ हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में बूथों की संख्या 136 थी, जिसे बढ़ाकर 151 किया गया है। बूथों की संख्या बढ़ने से सामाजिक दूरी का पालन कराने में सहजता रहेगी।

वोटिंग का समय भी एक घंटा बढ़ाया गया है। उपचुनाव के लिए सुबह आठ बजे के स्थान पर सुबह सात बजे से वोटिंग होगी जो शाम पांच बजे तक जारी रहेगी। पोलिंग बूथ की कतारों में मतदाता को मास्क और सैनिटाइजर तथा सामाजिक दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।

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