देहरादून। उत्तराखंड राज्य का क्षेत्रीय दल की मान्यता खो चुकी यूकेडी का चुनाव सिम्बल कुर्सी भी छिन्न गया है। इस बार के विधानसभा चुनाव में यूकेडी की स्थिति बाद से बत्तर रही औऱ हार का कड़ा मुकाबला करना पड़ा। दिग्गजों पर कयास लगाने वालो को भी धराशाही होना पड़ा।

2012 के विधानसभा चुनाव के बाद यूकेडी से राज्यस्तरीय दल की मान्यता रद्द हो गई थी। जिसके बाद पूर्व में राज्यस्तरीय दल होने कारण दल को आगामी तीन चुनाव के लिए चुनाव चिन्ह कुर्सी दे दी गई। फिर यूकेडी ने 2019 का लोकसभा,2017 ओर 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा,लेकिन चुनाव आयोग की शर्तों को पूरा करने में खरा नही उतरा।

इस पर मुख्य चुनाव अधिकारी मस्तू दास ने बताया कि यूकेडी को उसका चुनाव चिन्ह अस्थाई रूप से दिया गया था,जो कि वापस लिये जाने पर उसे रिजर्व में डाल दिया गया है।

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