आगामी विधानसभा चुनाव में महज कुछ दिनों का ही वक्त बचा है ऐसे में राजनीतिक दलों का एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां एक और कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार पर हमलावर नजर आ रही है तो वहीं भाजपा संगठन भी लगातार मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर हमलावर नजर आ रहा है। इसी क्रम में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर निशाना साधा है।
प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि कांग्रेस मुद्दा विहीन हो चुकी है। यही वजह है कि कांग्रेस अब अपनी बौखलाहट निकालने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति खेल रही है। यही नहीं कांग्रेस कभी भी विकास को लेकर बात नहीं करती है। और कांग्रेस अपने शासनकाल के दौरान सिर्फ अपने परिवार और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार चलाती रही है। बावजूद इसके कांग्रेस के नेता भाजपा पर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को चाहिए कि वह अपने शासनकाल में किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जनता के सामने रखें। लेकिन किसी भी मंच पर कांग्रेस का कोई भी नेता विकास पर बात नहीं करना चाहता ऐसे में अगर वह जानना चाहते हैं कि भाजपा सरकार ने कितना विकास किया है तो वह उनके साथ बहस कर ले।
सुरेश जोशी ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर चुनाव लड़ना चाहती है यही वजह है कि कांग्रेस मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की बात कह रही है। साथ ही जोशी ने सवाल खड़े किए कि जब कांग्रेस मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने की बात कह रही है तो इसका क्या सबूत है कि कांग्रेस तमाम जगहों पर मदरसे नहीं खोलेगी। जबकि कांग्रेस न सिर्फ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बल्कि जुम्मे की नमाज की छुट्टी को लेकर भी साल 2016 में आदेश जारी कर चुकी है।
ऐसे में अब भाजपा का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से सवाल यह है कि हरीश रावत ने यह कहा था कि अगर भाजपा नमाज कि छुट्टी का शासन आदेश जारी कर देगी, तो वह राजनीति छोड़ देंगे ऐसे में अभी तक हरीश रावत ने राजनीति क्यों नहीं छोड़ी। यही नहीं, हरीश रावत ने इस बात का भी जिक्र किया था कि अगर भाजपा सरकार ने इस शासनकाल में अगर 32 लोगों को नौकरी दी हो तो उसका लेखा-जोखा दे दें तो वह राजनीति से संयास ले लेंगे जबकि भाजपा ने आज प्रेस वार्ता कर यह बता दिया है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ही सिर्फ 17375 लोगों को नौकरियां दी है। ऐसे में क्या अब हरीश रावत राजनीति से सन्यास लेंगे?