अक्सर अपने बयानों से चर्चाओं में रहने वाले कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत एक बार फिर से भाजपा से नाराज हो गए हैं। भाजपा प्रदेश कार्यालय में कोर ग्रुप की महत्वपूर्ण बैठक चल रही है जिसमें उम्मीदवारों के चयन को लेकर और आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा की जा रही है । लेकिन कोर ग्रुप के सदस्य होने के बावजूद कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं
ख़बरी दाज्यू के मुताबिक हरक सिंह रावत फिर से भाजपा से नाराज हो गए हैं और इस बार नाराजगी का कारण लैंसडाउन विधानसभा सीट से टिकट को माना जा रहा है। हालांकि अभी प्रत्याशी का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन हरक सिंह रावत इस सीट पर अपनी बहू अनुकृति गोसाई को चुनाव लड़ना चाहते हैं। लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत भी अपनी सीट बचाने के लिए देहरादून से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग करने में लगे हैं।
डॉ हरक सिंह रावत को पहले भाजपा के कुछ नेताओं ने लैंसडाउन सीट के लिए आश्वस्त किया था । लेकिन अब जैसे-जैसे प्रत्याशी की घोषणा का समय नजदीक आ रहा है हरक सिंह रावत को अपने अरमानों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में हरक सिंह रावत के करीबी लोगों का कहना है कि वह अन्य लोगों के संपर्क में भी हैं और अगले दो दिनों में कुछ बड़ा फैसला ले सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत प्रेशर पॉलिटिक्स के भी माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। इससे पहले भी जब कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के मुद्दे पर वह नाराज थे। तो 24 घंटे नजर नहीं आए और उसके बाद 6:30 घंटे मुख्यमंत्री आवास में मीटिंग के बाद ऑल इज वेल कहते हुए नजर आए । क्योंकि इसी प्रेशर पॉलिटिक्स के जरिए वह अपनी सभी मांगें पूरी करवा सकें। लेकिन इस बार देखना है कि टिकट को लेकर उनकी मांग पूरी होती है या इस बार हरक को पड़ गया है फरक।