मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की एटीएम युक्त 05 वित्तीय साक्षरता वाहनों का फ्लैग ऑफ किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के नवम् वार्षिक प्रतिवेदन का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के वित्तीय समावेशन एवं डिजीटल इंडिया मिशन को अधिक सुदृढ बनाने की दिशा में यह सराहनीय प्रयास है। इन वाहनों का उपयोग राज्य की आम जनता को वित्तीय साक्षर बनाने एवं एटीएम के माध्यम से लेन देन कर डिजीटलीकरण को बढ़ावा देने में किया जायेगा। ग्रामीण बैंक की मोबाइल एटीएम वैन द्वारा राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के निवासियों को एटीएम के माध्यम से लेन देन के साथ-साथ वित्तीय साक्षरता हेतु जागरुकता भी प्रदान की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को ऋण लेने की सुविधा आसानी से हो, इसके लिए प्रत्येक जनपद में कैंप लगाये जा रहे हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन कैंपों में अधिक से अधिक लोगों को ऋण वितरित किये जाएं।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबन्धक ज्ञानेन्द्र मणि ने बताया कि राज्य के आर्थिक विकास में बैंको की अहम भूमिका है तथा वित्तीय समावेशन में बैंकों की साझेदारी को अधिक करने हेतु वित्तीय समावेशन निधि के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के वित्तीय सहयोग नाबार्ड द्वारा निरन्तर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की समस्त जनता को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना नाबार्ड की प्राथमिकता है।
ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष राकेश तेजी ने कहा कि नाबार्ड द्वारा राज्य की जनता हेतु वित्तीय समावेशन निधि के अन्तर्गत प्रदत्त की जा रही विभिन्न सेवाओं का बैंक द्वारा अधिकाधिक उपयोग कर राज्य के आर्थिक विकास में सहयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नाबार्ड के सहयोग से पूर्व में प्रदत्त एक वित्तीय साक्षरता वाहन का उपयोग अल्मोड़ा जनपद में किया जा रहा है।
इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य महाप्रबन्धक एपी दास, ग्रामीण बैंक के समस्त महाप्रबन्धक तथा अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे।