चमोली: उत्तराखंड में मौसम  का मिजाज बदलता रहता है। इस बदलते मौसम के साथ लगातार ठंड में भी इजाफा हो रहा है। मैदान से लेकर पहाड़ तक ठंड का प्रकोप देखने को मिल रहा है। राजधानी में जहां दो दिन से सूरज नहीं निकला है तो वहीं पहाड़ में भीषण ठंड से पानी भी जम जा रहा है। ऐसा ही नजारा चमोली में देखने को मिल रहा है। यहां कड़ाके की ठंड से नीती मलारी घाटी में झरने, नाले, गाड़-गदेरे बर्फ में तब्दील हो गए है। इतना ही नहीं पानी के तालाबों के ऊपर पाला जमने से तालाब भी जमे हुए हैं। इन दिनों पर्वतीय और मैदानी जिलों में कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

आपको बता दें कि अंडमान सागर के मध्य भाग के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना है। पांच दिसंबर तक इसके पश्चिम व उत्तर-पश्चिम की ओर बढऩे की संभावना है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात बना हुआ है। इसकी वजह से उत्तर भारत में बारिश व हिमपात की संभावना बन रही है। नैनीताल और अल्‍मोड़ा में बूदांबादी हो रही है तो कुमाऊं भर में आसमान में बादलों का पहरा है। मौसम के बदले रुख से ठंड बढ़ गई है। यही हाल रानीखेत का भी है। रानीखेत व आसपास के पर्वतीय इलाकों में अधिकतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। पर्वतीय क्षेत्रों में दोपहर बाद ठीकठाक बारिश की संभावना है।

गौरतलब है कि बीते दो दिनों से मौसम की आंख-मिचौली के चलते ठंड और बढ़ गई है। वहीं चमोली में कड़ाके की ठंड से नीती मलारी घाटी में झरने, नाले, गाड़-गदेरे सब जमकर बर्फ बन गये हैं। साथ ही पानी के तालाबों के ऊपर पाला जमने से तालाब भी जमे हुए हैं। लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों और हीटर का सहारा ले रहे हैं। बढ़ती ठंड के कारण लोग अपने घरों के अंदर ही कैद होने को मजबूर हैं. चमोली में घाट, जोशीमठ, पोखरी, देवाल, निजमुला घाटी में सुबह और शाम को शीतलहर और बर्फीली हवाएं चल रही हैं।

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