उत्तराखण्ड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों की चुनाव आयोग ने समीक्षा की। प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इस बार विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने एक घंटे का समय बढ़ाया है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अब काउंटडाउन शुरू हो गया है। ऐसे में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा, निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे ने अधिकारियों के साथ देहरादून पहुंच कर चुनाव को लेकर तैयारियों की समीक्षा की।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान चुनाव तैयारियों को लेकर कई फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मतदान के लिए एक घंटा अतिरिक्त समय दिया गया है। पूरे उत्तराखण्ड में अब मतदान सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक होगा। इसके अलावा 100 बूथ ऐसे रहेंगे जिनकी जिम्‍मेदारी महिलाओं को सौंपी जाएगी। यानी कि महिला कर्मचारियों के जिम्मे 100 बूथ रहेंगे। इसके अलावा प्रदेश में होने वाली रैलियों के लिए 601 चुनावी मैदानों को चिहिनत किया गया है, जहां पर रैलियों का आयोजन किया जाएगा।

इसके साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। आपको बता दें कि आगामी 23 मार्च 2022 को विधान सभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमने सभी पॉलिटिकल पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और सभी विभागों के साथ हमने अलग-अलग बैठक की। इन बैठकों में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने कोविड को भी ध्यान में रखकर चुनाव कराने की अपील की। इसके साथ मतदान केंद्रों पर लगने वाली भीड़ पर भी ध्यान देने की पैरवी की गई है।

निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि हमारा प्रयास है कि जनता ज्यादा से ज्यादा वोट डाले और हम चाहते हैं कि पोलिंग परसेंटेज ज्यादा बढ़े। उत्तराखण्ड में अभी तक 65.5 मतदाता परसेंटेज रहा है। चुनाव आयुक्त ने कहा कि 11447 पोलिंग बूथ हमारे होंगे और एक पोलिंग बूथ पर 700 लोग वोट डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी बूथों पर पूरी व्यवस्था की जाएगी, जिससे दिव्यांगों और बुजुर्गों को समस्या ना हो। चुनाव आयोग की कोशिश है कि महिलाएं ज्यादा से ज्यादा आगे आएं और वोट डालें।

इसके साथ ही दिव्यांगजनों को भी प्रेरित करने का कार्य हम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 80 वर्ष से अधिक बुजुर्गों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था कर रहे हैं। अगर वह आने में असमर्थ हैं तो घर पर जाकर उनसे मतदान करवाया जायेगा। इसकी व्यवस्था हम कर रहे हैं। मीडिया के योगदान को भी उन्होंने कहा कि मीडिया का महत्वपूर्ण योगदान है। मीडिया द्वारा भी लोगों को प्रेरित किया जाए कि वो ज्यादा से ज्यादा वोट डालें।

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