देहरादून। 14 Mar 2022। विधानसभा चुनाव उत्तराखंड में कई लोगों ने विधायक बनने का सपना देखा,राजनीति का कीड़ा पनपाया लेकिन आलम यह रहा की वह अपनी जमानत भी नही बचा पाए,इसमे सबसे बुरा हाल आम आदमी पार्टी का रहा।

उत्तराखंड में विधायक बनने का सपना संजोये कई प्रत्याशियों को 500 वोट भी नहीं नसीब नही हो पाये। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर इस बार 632 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इसमें 47 सीटों पर भाजपा, 19 पर कांग्रेस, 2 पर बसपा और 2 पर निर्दलियों ने जीत का हासिल की। विधानसभा चुनाव में विधायक बनने का सपना लेकर उतरे 281 उम्मीदवारों को 500 सौ वोट भी नहीं मिले। यानि 44 प्रतिशत से अधिक प्रत्याशी पांच सौ वोट भी हासिल नहीं कर पाए। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार तो थे ही। साथ ही कई सीटों पर आम आदमी पार्टी, बसपा, यूकेडी समेत अन्य क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवार भी शामिल हैं।

उत्तराखंड की राजनीति में खुद को तीसरा विकल्प मान रही आम आदमी पार्टी ने पहली बार 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन जिस रणनीति के साथ आप चुनावी रण में उतरी थी, इसका असर नतीजों पर नहीं दिखा। आप प्रदेश में खाता तक नहीं खोल पाई। वहीं, 33 सीटों पर आप के उम्मीदवार एक हजार मत भी नहीं हासिल कर सके। पर्वतीय जिलों की सीटों पर आप का प्रदर्शन बेहतर कमजोर रहा। देहरादून जिले की धर्मपुर विधानसभा सीट पर 20 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। इनमें ले 14 प्रत्याशियों को 500 सौ से कम वोट पड़े। इसी तरह रायपुर सीट पर नौ प्रत्याशियों का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा।

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