हल्द्वानी-कोरोना बीमारी का लोगों में इतना खौफ है कि इस बीमारी ने जहां कई लोगों की जान ली वहीं दूसरी ओर रिश्तों को भी तार-तार कर दिया गया है। हल्द्वानी के राजपुरा श्मसान घाट में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना की वजह से मारे गए लोगों की अस्थियों को लेने के लिए उनके परिवार से कोई नहीं आया है।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब संक्रमण पीक पर था उस समय इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़ गई थी। कोरोना से मरने वाले लोगों की अंतिम संस्कार की व्यवस्था राजपुरा के श्मसान घाट में की गई थी। यहां मृतक का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया जाता था और उसके बाद उसकी अस्थियों को राजपुरा घाट में रख दिया जाता था। इधर तीन माह बीत जाने के बाद ऐसी 50 अस्थियों को लेने अभी तक कोई भी परिजन नहीं आया है। श्मसान घाट के संपत्ति मंत्री रामबाबू जायसवाल ने बताया कि कोरोना से मरे लोगों की अस्थियों को लेने कोई नहीं आ रहा है। हम कुछ दिन और देखते हैं अगर ऐसा ही रहा तो मुक्तिधाम समिति इसके लिए बैठक करेगी और इन अस्थियों को विधि विधान द्वारा विसर्जित किया जाएगा। कोविड काल के दौरान जिन कोरोना संक्रमित मृतकों के शव जलाए गए थे, उनकी अस्थियों का कोई भी वारिस सामने नहीं आया है। हालांकि इस दौरान सामान्य मौत से जो भी लोग मरे उनकी अस्थियां परिजन लेकर चले गए हैं।