कुंभ मेला हरिद्वार पुलिस की अनूठी मुहिम ने धर्मनगरी के 16 भिक्षुकों की जिंदगी बदलकर रख दी। डीजीपी अशोक कुमार की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने न केवल इन भिक्षुकों को समाज की मुख्य धारा में वापस जोड़ा, बल्कि इन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का हक भी दिलाया। कुंभ के संविदाकर्मी के तौर पर पहला वेतन मिलने पर उनके चेहरों पर आत्मविश्वास की चमक देखने लायक थी।

मेला पुलिस ने हरकी पैड़ी व आस-पास के क्षेत्र को भिक्षुक मुक्त बनाने हेतु अभियान चलाया। इस अभियान के तहत भिक्षुकों को जेल या भिक्षुक ग्रह भेजने के स्थान पर न सिर्फ पुलिस थानों में रोजगार के अवसर दिए गए बल्कि स्वाभिमान और गर्व के साथ जीने का अवसर दिया गया। सर्वप्रथम सभी भिक्षुकों को भिक्षावर्ति से हटा कर सुविधाजनक आवास की व्यवस्था कुम्भ पुलिस ने की। शहर के बेस्ट सैलून से एक्सपर्ट द्वारा स्नान, हेयरकट हुलिया ही नही उनका मेडिकल टेस्ट और कोविड टेस्ट भी किया गया। इलाज के उपरांत कुछ भिक्षुकों ने घर वापस जाने की इच्छा जताई, तो उन्हें सकुशल उनके घर पहुंचाया गया। सत्यापन के बाद 16 भिक्षुक ऐसे थे, जो अभिरक्षा अवधि पूरी होने के बाद सम्मानजनक जीवन जीने के पुलिस के बताए रास्ते पर आगे बढ़ना चाहते थे। इन सभी को सिडकुल स्थित होटल रेडिसन में पेशेवर सेफ और कर्मचारियों से होटल व्यवसाय का प्रशिक्षण दिलाते हुए थाना, चैकी और पुलिस लाइन की मेस में संविदा पर कार्य में लगाया गया और इनके आधार कार्ड बनवाकर बैंक खाते खुलवाए गए। लगभग 10 हजार मासिक वेतन 16 भिक्षुकों को अपने-अपने खातों पर प्राप्त हो चुका है तथा 8 और नए भिक्षुकों को पुलिस थानों के मेस में कार्य दिया जा रहा है। वर्तमान में कुल 24 भिक्षु अब उत्तराखण्ड पुलिस के साथ कुम्भ मेला व्यवस्था में जुड़ गए हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed