उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में ओमीक्रोन व कोरोना के मामले बढ़ने से विधानसभा के चुनाव व रैलियो को स्थगित किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई 15 फरवरी की तिथि नियत की है। आज भारत चुनाव आयोग ने अपना पक्ष रखकर कोर्ट में कहा कि आयोग ने इस सम्बंध में 8 जनवरी को एक गाइडलाइन जारी की है। जिसमे कहा गया है कि 15 जनवरी तक चुनाव रैलियां बन्द कर रखी है।

उम्मीदवारों का नामांकन ऑनलाइन होगा, नोमिनेशन फीस ऑनलाइन जमा होगी, शपथपत्र व अन्य पेपर रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष दायर होंगे। साथ ही अनावश्यक वाहनों के लिए भी गाइड लाइन जारी की। 15 जनवरी तक आयोग ने स्टार प्रचारकों पर भी प्रतिबंध लगाए है। जिस पर कोर्ट ने आयोग से कहा कि महामारी को देखते हुए स्वयं संज्ञान ले। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि सीनियर सिटीजन को बूस्टर डोज उनके घरों में ही लगाए जाएं। जो लोग बूस्टर डोज लगाने के लिए सेंटर जा सकते है उन्हें सेंटर में लगाए जाएं।

जिला निगरानी कमेटियों की रिपोर्ट के बारे में सरकार की तरफ से मुख्य स्थायी अधिवक्ता चन्द्र शेखर रावत ने कहा कि उनके पास 13 में से 9 जिला निगरानी कमेटियों की रिपोर्ट आ गयी है। जिसका निरीक्षण करना अभी बाकी है। जिस पर कोर्ट ने सरकार से कहा है कि इसका निरीक्षण कर इसकी एक रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में पेश करें। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश सजंय कुमार चौहान व न्यायमुर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई।

मामले के अनुसार अधिवक्ता शिव भट्ट ने हाईकोर्ट में पूर्व से विचाराधीन सचिदानन्द डबराल व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया सम्बन्धी जनहित याचिका में कोर्ट के आदेशों के विपरीत विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा कोविड नियमों के विपरीत की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न कर एक प्राथर्ना पत्र पेश किया। जिसमें उनके द्वारा कहा है कि इन रैलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी संभावना है और रैलियो में कोविड के नियमो का पालन नही किया जा रहा है। इनके द्वारा कोविड के नियमो का उल्लंघन किया जा रहा है।

अधिवक्ता शिव भट्ट ने अपने प्रार्थना पत्र में कोरोना के नए वैरिएंट का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कोविड के किसी भी अन्य संस्करण की तुलना में 300% से अधिक तेजी से फैल रहा है और इसलिए, लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं को स्थगित किया जाय। याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें। उन्होंने यह भी कहा है कि विधान सभा के चुनाव स्थगित किए जाएं इस सम्बंध में चुनाव आयोग, भारत सरकार को निर्देश दिए जाएं।

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