उत्तराखंड में होम आइसोलेशन को मंजूरी मिलने के बाद इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। राज्य में लक्षण रहित या एसिंप्टोमेटिक रोगियों को उनके ही घरों में सेल्फ आइसोलेशन का विकल्प दिया गया है जिसके आधार पर अब इसकी गाइडलाइन जारी की गई है।
होम आइसोलेशन में उन्हीं रोगियों को रहने की इजाजत होगी जो चिकित्सकों द्वारा लक्षण रहित चिन्हित किए जाएंगे। 24 घंटे रोगी की देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति का होना जरूरी होगा संपूर्ण विश्लेषण अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति और संबंधित चिकित्सालय के मध्य संपर्क बनाए रखना होम आइसोलेशन के लिए जरूरी है ऐसे रोगी के निवास पर स्वयं को आइसोलेट कर दें और परिजनों को क्वारंटाइन करने की सुविधा उपलब्ध हो घर में रोगी के लिए एक शौचालय युक्त कक्ष और उसकी देखभाल करता के लिए एक अतिरिक्त शौचालय युक्त कक्ष अनिवार्य होना चाहिए। रोगी की उम्र 60 वर्ष से अधिक है या दूसरी बीमारी से ग्रसित है इसके अलावा गर्भवती महिलाएं 10 साल से कम आयु के बच्चे ऐसे रोगी जिन की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कमजोर है वह होम आइसोलेशन के लिए पात्र नहीं होंगे। ऐसे घर जिसमें 60 से अधिक आयु के या अन्य बीमारी से ग्रसित व्यक्ति गर्भवती महिलाएं या गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति है उस घर में आइसोलेशन की अनुमति नहीं होगी होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा रोगी को अपने स्वास्थ्य के लिए भी देखभाल के दायित्व को स्वीकार करना होगा और साथ ही जिले के सर्विलांस अधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी।
होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी का होम आइसोलेशन कोविड-19 होने के 10 दिनों के पश्चात तथा पिछले तीन दिनों तक बुखार ना आने की स्थिति में समाप्त माना जाएगा इसके पश्चात अगले 7 दिनों तक रोगी घर पर ही रह कर अपने स्वास्थ्य का देखभाल करेगा, होम आइसोलेशन की समाप्ति पर टेस्टिंग की आवश्यकता नहीं होगी।
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